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पुरानी गाड़ियों की बिक्री पर GST के नियमों में बदलाव, जानें कब देना होगा टैक्स?

जीएसटी काउंसिल ने पुरानी गाड़ियों की बिक्री पर GST के नियमों में बदलाव किया है। अब रजिस्टर्ड व्यापारियों को पुराने वाहन बेचने पर जीएसटी तभी देना होगा, जब उन्हें मुनाफा (मार्जिन) हो। यह नियम सभी पुराने वाहनों पर लागू होगा, चाहे वो इलेक्ट्रिक हों या पेट्रोल-डीजल से चलने वाले। जीएसटी की दर 18 फीसदी होगी, जो मार्जिन पर लागू होगी, न कि पूरी बिक्री कीमत पर। किसी व्यक्ति ने अगर अपनी पुरानी कार किसी और व्यक्ति को बेची, तो उस पर जीएसटी नहीं लगेगा।

जीएसटी काउंसिल की हालिया मीटिंग में हुआ फैसला

पुरानी कारों पर जीएसटी की दरें बढ़ाने से जुड़ा यह फैसला पिछले हफ्ते जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया गया। इससे पहले, अलग-अलग तरह के वाहनों पर अलग-अलग जीएसटी दरें लागू होती थीं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे पुराने इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें कम हो सकती हैं। आइए इस बदलाव के बारे में विस्तार से समझते हैं।

पहले पुराने वाहनों पर जीएसटी की दर अलग-अलग होती थी, जिससे काफी भ्रम की स्थिति पैदा होती थी। अब, जीएसटी काउंसिल ने सभी पुराने वाहनों के लिए एक समान 18 फीसदी की दर तय कर दी है। हालांकि, यह दर पूरी सेल्स प्राइस पर नहीं, बल्कि सेलर्स के मुनाफे (मार्जिन) पर लागू होगी।

ये जरूरी बातें जान लें

मार्जिन का मतलब है बिक्री कीमत और मूल्यह्रास (Depreciation) के बाद कीमत का अंतर। डेप्रिसिएशन वह राशि है जो आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 32 के तहत वाहन की कीमत में हर साल कम की जाती है। कोई पंजीकृत व्यापारी अगर पुराना वाहन बेचता है और उसे मुनाफा होता है, तो उसे केवल उस मुनाफे पर ही जीएसटी देना होगा। उसे अगर नुकसान होता है, तो उसे जीएसटी नहीं देना होगा।

किस कंडिशन में टैक्स नहीं लगेगा

मान लीजिए एक रजिस्टर्ड बिजनेसमैन 20 लाख रुपये में खरीदी गई एक पुरानी कार 10 लाख रुपये में बेचता है। उसने इस कार पर 8 लाख रुपये का मूल्यह्रास लिया है। इसका मतलब है कि कार की डेप्रिसिएशन के बाद कीमत 12 लाख रुपये है। चूंकि सेल्स प्राइस (10 लाख रुपये) मूल्यह्रास के बाद की कीमत (12 लाख रुपये) से कम है, इसलिए व्यापारी को कोई मुनाफा नहीं हुआ। ऐसी स्थिति में उसे जीएसटी नहीं देना होगा।

इस स्थिति में लगेगा टैक्स

अब मान लीजिए कि उसी कार को 15 लाख रुपये में बेचा जाता है। इस स्थिति में, व्यापारी को 3 लाख रुपये का मुनाफा हुआ (15 लाख – 12 लाख)। इस 3 लाख रुपये पर उसे 18 पर्सेंट की दर से जीएसटी देना होगा।

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