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अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने खरीदी भारत की कंपनी एयर वर्क्स

अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने भारत की कंपनी एयर वर्क्स (Air Works) को खरीद लिया है। अडानी ग्रुप ने इस कंपनी में 86 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। यह सौदा करीब 400 करोड़ रुपये में हुआ है। यह डील अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (ADSTL) के माध्यम से हुई है। ADSTL अडानी इंटरप्राइजेज की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। लेकिन सबसे बड़ी बात है कि अडानी ने इस कंपनी को खरीदने में रुचि क्यों दिखाई?

क्या करती है एयर वर्क्स?

एयर वर्क्स भारत की सबसे बड़ी ऐसी कंपनी है जो दुनियाभर के निजी विमानों की मेंटेनेंस, रिपेयरिंग और ओवरहॉल करती है। इन तीनों चीजों को शॉर्ट में एमआरओ कहते हैं। यहां ओवरहॉल का मतलब विमानों की देखरेख के एडवांस लेवल से है। इसमें विमान की जांच, डिसेंबलिंग, रीफर्बिशिंग, पेंटिंग आदि शामिल होता है। कंपनी डिफेंस के विमानों के लिए भी सेवाएं देती है।

यह कंपनी देश के 35 शहरों में अपने सेवाएं देती है। कंपनी के पास 1300 से अधिक प्रोफेशनल्स की टीम है जो विमानों की रिपेयरिंग, सर्विसिंग आदि करते हैं। कंपनी फिक्स्ड-विंग और रोटरी-विंग विमानों की सर्विसिंग में एक्सपर्ट है। कंपनी के पास 20 से अधिक देशों की एविएशन अथॉरिटी से रेगुलेटरी अप्रूवल भी है। इससे यह कंपनी इस क्षेत्र में दुनिया की टॉप कंपनियों में शामिल हो जाती है।

देश में बढ़ेगी विमानों की संख्या

अडानी एयरपोर्ट्स के निदेशक जीत अडानी ने भारत की एविएशन इंडस्ट्री में आने वाली तेजी पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘यह अधिग्रहण एक इंटीग्रेटेड एविएशन सर्विसेस इकोसिस्टम बनाने के हमारे विजन के अनुरूप है जो भारत के विमानन बुनियादी ढांचे को मजबूत करता है। साथ मिलकर हमारा लक्ष्य भारत के आसमान के भविष्य को आकार देना है।’

अडानी की कहां है नजर?

देश की एविएशन इंडस्ट्री इस समय हजारों करोड़ रुपये की है। भारत की एविएशन इंडस्ट्री दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी एविएशन मार्केट है। हर साल इसमें तेजी आ रही है। ऐसे में अडानी का मकसद इस हजारों करोड़ रुपये की इंडस्ट्री पर राज करना हो सकता है। एयरलाइंस को विमान की मरम्मत के लिए किसी कंपनी की सर्विस चाहिए होती है। ऐसे में इसके लिए अब एयरलाइंस अडानी की कंपनी से कॉन्टैक्ट करेंगी।

कितने लोग करते हैं हवाई सफर?

हवाई सफर करने वालों की संख्या में साल-दर साल इजाफा हो रहा है। DGCA के डेटा के मुताबिक पिछले महीने यानी नवंबर में करीब डेढ़ करोड़ यात्रियों ने घरेलू मार्ग पर सफर किया। पिछले साल के मुकाबले इसमें काफी तेजी आई है।

एयरलाइंस बढ़ा रहीं विमानों की संख्या

इस समय देश की एयरलाइंस कंपनियां अपने बेड़े में विमानों की संख्या बढ़ा रही हैं। इन कंपनियों को मेंटेनेंस के लिए किसी कंपनी की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में अडानी की यह नई कंपनी इस मौके को भुनाने में पीछे नहीं रहेगी।

इंडिगो और एयर इंडिया की बड़ी हिस्सेदारी

भारत के घरेलू एविएशन सेक्टर में इंडिगो और एयर इंडिया की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। इन दोनों कंपनियों की कुल हिस्सेदारी 90 फीसदी से ज्यादा है। बाकी में अकासा, स्पाइसजेट आदि शामिल हैं।

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